बसना में ग्रामीणों का उग्र विरोध प्रदर्शन, नेशनल हाईवे 53 पर जुटे हज़ारों लोग

बसना में ग्रामीणों का उग्र विरोध प्रदर्शन, नेशनल हाईवे 53 पर जुटे हज़ारों लोग


महासमुंद/बसना:- महासमुंद जिले के बसना इलाके में आज सुबह से ही बड़े पैमाने पर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सरायपाली–बसना बायपास स्थित कुड़ेकेल नाला के निर्माण की पुरानी मांग को लेकर चार गांवों के ग्रामीण हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आए। ग्रामीणों ने पहले बसना नगर में शांतिपूर्ण रैली निकाली और स्थानीय प्रशासन को चेतावनी दी। इसके बाद सभी प्रदर्शनकारी रैली के रूप में आगे बढ़ते हुए नेशनल हाईवे-53 की ओर रवाना हुए, जहाँ जाकर उन्होंने चक्का जाम कर दिया

कुड़ेकेल नाला निर्माण की मांग पर फूटा जुटा गुस्सा

ग्रामीणों का कहना है कि कुड़ेकेल नाला कई वर्षों से अधूरा पड़ा है और बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या गंभीर रूप ले लेती है। नाले का स्तर कम होने और निर्माण अधूरा रहने से क्षेत्र में आवागमन बाधित होता है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों और किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। दुर्घटनाओं की घटनाएँ भी कई बार सामने आ चुकी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि लगातार मांग के बाद भी संबंधित विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई, जिसके चलते आज उन्हें मजबूरन सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज करना पड़ा

3,500 से अधिक ग्रामीणों और स्कूली बच्चों की भागीदारी

मिली जानकारी के अनुसार, आज के इस विरोध प्रदर्शन में करीब 3,500 ग्रामीण, महिला समूह, किसान तथा स्कूली बच्चों ने भाग लिया। बसना मेन चौक सहित मुख्य बाज़ार क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा रही। उसके बाद सभी ने सामूहिक रूप से हाईवे की ओर कूच किया और नेशनल हाईवे 53 पर चक्का जाम कर दिया, जिसके चलते सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया

पुलिस बल तैनात, प्रशासन ने बातचीत शुरू की

घटना की सूचना मिलते ही बसना थाना पुलिस, यातायात विभाग और तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुँची। अधिकारी प्रदर्शनकारियों से समझाइश देने और हाईवे से भीड़ हटाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक कुड़ेकेल नाला निर्माण के लिए पक्की घोषणा नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा

ग्रामीणों का आरोप 10 साल से नाला अधूरा, सरकार केवल आश्वासन देती रही

ग्रामीणों के अनुसार, यह समस्या बीते 10 वर्षों से लगातार बनी हुई है। हर बरसात में सड़कें टूट जाती हैं, खेतों में पानी भर जाता है, और बच्चों को स्कूल पहुँचने में भारी कठिनाई होती है। कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए गए, लेकिन वास्तविक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। आज इसी उपेक्षा के खिलाफ चार गांवों—कुड़केल, पोटापारा, मुड़पाहर, जमड़ी, सिरको,बिछियां—के ग्रामीण संयुक्त रूप से आंदोलन में उतरे हैं

आगे की रणनीति

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा। वहीं प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से धैर्य बनाए रखने और वार्ता के लिए प्रतिनिधि मंडल भेजने की अपील की है

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