आंवला तरी पर्व पर ग्राम बरगांव में श्रद्धा और उल्लास का माहौल
महासमुंद/बसना :- बसना ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम बरगांव में इस वर्ष आंवला नवमी का पर्व बड़े ही श्रद्धा, उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि को मनाया जाता है और इसका विशेष महत्व भगवान विष्णु तथा आंवले के वृक्ष से जुड़ा होता है
कार्यक्रम की शुरुआत शाम को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुई। ग्राम के पुजारी ने विधिवत पूजा-अर्चना कर आंवले के वृक्ष की परिक्रमा करवाई। आंवले के वृक्ष के नीचे महिलाओं ने सपरिवार भोग अर्पित किया, दीप जलाए और भगवान विष्णु से परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना की।गांव की महिलाएँ पारंपरिक वेशभूषा में सजधजकर पूजा स्थल पर पहुँचीं। उन्होंने समूह में नगर कीर्तन गीत गाए, कथा सुनी और एक-दूसरे को तिलक लगाकर पर्व की शुभकामनाएँ दीं। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा बल्कि महिलाओं की सामाजिक एकता और पारिवारिक सद्भाव का भी प्रतीक बना। गांव के बच्चे और युवा भी पूरे उत्साह से इस आयोजन में शामिल हुए। कुछ ने सजावट में सहयोग किया, तो कुछ ने भजन-कीर्तन में भाग लेकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।आंवला नवमी का यह पर्व जहां भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आराधना का दिन है, वहीं यह प्रकृति संरक्षण और पर्यावरण संतुलन का भी संदेश देता है। आंवले के वृक्ष को आयुर्वेद में ‘अमृत फल’ कहा गया है, और इसे पूजने से मानव और प्रकृति के बीच के पवित्र संबंध का सम्मान होता है
ग्रामवासियों में खुशी और सामूहिक भावना पूरे दिन ग्राम में उत्सव का माहौल रहा। ग्रामीणों ने एक-दूसरे को प्रसाद वितरित किया, सामूहिक भोजन का आयोजन हुआ और सभी ने मिलजुलकर यह पर्व मनाया। जिसमें मुख्य रूप संदीप प्रधान,आदित्य,जीत,मंगलदास,सत्यनारायण,भूपेंद्र,कैलाश,बिहारी, विश्वामित्र,मोहन,महेश,प्रताप, पद्मलोचन,सुरेश,डिग्री,मनोज, आनन्द, योगेश,सौरभ, गजेन्द्र, अमीन, मनीष, कुलदीप,नरेश,संतलाल, अक्षय, टिकू, सोहन, मनोहर,सुदाम,निखिल, जगदीश,मिलिंद,उमेश,नितेश,रूद्र,रघुनाथ, टुनु,जितेन्द्र,गणेश, डोलामणि,राकेश,प्यारी,लीकेश,ऋतिक,प्रदीप,किशन,दिपक आदि बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित रहे

