सेक्स रैकेट व भयादोहन प्रकरण में फिर आया नया मोड़, पुलिस ने बढ़ाई सख्ती
हनीट्रैप व भयादोहन प्रकरण : प्रधान आरक्षक अंजोर मांझी बर्खास्त
आभास शर्मा- पुलिस प्रशासन का कहना है कि “इस मामले की जांच पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जा रही है, किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को बचाया नहीं जाएगा। कानून सबके लिए समान है।स्थानीय स्तर पर यह मामला वर्षों से सुर्खियों में है और अब नए मोड़ आने से जिले में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है
जिले में पुलिस विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने ही विभाग के प्रधान आरक्षक अंजोर दास मांझी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मांझी पर लंबे समय से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, बहुचर्चित हनीट्रैप (सेक्सटॉर्शन) व भयादोहन (ब्लैकमेलिंग) जैसे गंभीर मामलों में संलिप्त होने के आरोप थे। इन मामलों में जांच के दौरान मांझी को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी
वरिष्ठ अधिकारीयों की पारदर्शिता
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, विभाग की सख्त कार्रवाई कानून-व्यवस्था की पारदर्शिता बनाए रखने और पुलिसकर्मियों में अनुशासन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। बताया जा रहा है कि इस प्रकरण की विभागीय और न्यायिक जांच लंबे समय से चल रही थी, जिसमें मांझी की भूमिका संदिग्ध पाई गई
पुलिस सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि ऐसे मामलों में शामिल अन्य कर्मचारियों पर भी निगरानी रखी जा रही है और भविष्य में इसी तरह की कठोर कार्रवाई की जा सकती है ।जिले में चर्चित सेक्स रैकेट एवं भयादोहन (ब्लैकमेलिंग) प्रकरण में एक बार फिर नया मोड़ आया । पुलिस प्रशासन ने इस बहुचर्चित मामले में जांच की गति तेज़ करते हुए कई अहम दस्तावेज़ों व बयानों को दोबारा खंगालना शुरू कर दिया है। इस प्रकरण में पिछले वर्षों में दर्जनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें कई चर्चित नाम भी शामिल हैं
सेक्सटॉर्शन कांड में पुलिस का एक्शन मोड, पुराने आरोपियों की फिर होगी पड़ताल
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में अब तक महान मिश्रा, प्रतुस्य मरिया, पत्रकार आशीष शुक्ला, रवीना टंडन, शिरीष पाण्डे (विधायक प्रतिनिधि), पुस्पमाला फेकर, पूर्व थाना प्रभारी अमित तिवारी, प्रधान आरक्षक अंजोर दास माझी, लक्ष्मीकांत केशरवानी, अनुरिता बंजारे जैसे नाम सामने आ चुके हैं। इन सभी पर हनीट्रैप, सेक्सटॉर्शन और भयादोहन के जरिए धन उगाही, प्रभावशाली लोगों को फंसाने और अवैध लाभ लेने के आरोप लगे थे।
सूत्र बताते हैं कि कुछ आरोपी पहले ही जेल जा चुके हैं, वहीं कुछ के खिलाफ अब भी जांच जारी है। पुलिस विभाग ने हाल ही में अपने ही कर्मचारी प्रधान आरक्षक अंजोर मांझी को सेवा से बर्खास्त कर सख्त संदेश दिया है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि इस मामले में और भी नए खुलासे हो सकते हैं तथा जांच के दायरे में अन्य नाम भी आ सकते हैं।पुलिस प्रशासन का कहना है कि “इस मामले की जांच पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ की जा रही है, किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को बचाया नहीं जाएगा। कानून सबके लिए समान है।”स्थानीय स्तर पर यह मामला वर्षों से सुर्खियों में है और अब नए मोड़ आने से जिले में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है
