लवन थाना पुलिस पर बरदा ग्रामीणों का अविश्वास, 7 दिन का अल्टीमेटम, फिर होगा घेराव

लवन थाना पुलिस पर बरदा ग्रामीणों का अविश्वास, 7 दिन का अल्टीमेटम, फिर होगा घेराव

आभास शर्मा लौदाबाजार-  एक महीने में पांचवीं घटना! बरदा पंचायत में असामाजिक तत्वों का आतंक, पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप 

असामाजिक तत्वों को खुली छूट धार्मिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है और माहौल बिगाड़ने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर प्रशासन की होगी?

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले की ग्राम पंचायत बरदा में पुलिस प्रशासन की लापरवाही और निष्क्रियता को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश उभर कर सामने आया है। ग्रामीणों ने एक सुर में निर्णय लिया है कि यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो समस्त ग्रामवासी लवन थाना का घेराव करेंगे

ग्रामवासियों का कहना है कि बीते एक महीने के भीतर बरदा स्थित मंदिरों में असामाजिक तत्वों ने बार-बार धार्मिक आस्थाओं पर चोट पहुंचाई है। अभी तक 4 मूर्तियों को खंडित किया जा चुका है और अब ताजा घटना में दिनांक 13 अक्टूबर 2025 को हनुमान जी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर सड़क पर फेंक दिया गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने खंडित मूर्ति को एकत्र कर लवन थाना पहुंचाया और कड़ी कार्यवाही की मांग की

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में भी लवन थाना पुलिस ने बिना किसी लिखित शिकायत और ग्राम पंचायत को विश्वास में लिए बिना मनमाने तरीके से रातों-रात मामले का निपटारा कर दिया था। इतना ही नहीं, पितृ पक्ष में धार्मिक विधि-विधान की अनदेखी करते हुए बिना पूजा-पाठ के मूर्ति स्थापना कर दी गई थी, जिसे ग्रामीणों ने हिंदू धर्म की परंपराओं और नियमों के खिलाफ करार दिया

इस बार गांव के सभी लोगों ने मिलकर निर्णय लिया कि अब और चुप नहीं बैठा जाएगा। उन्होंने लवन थाना प्रभारी को सात दिन का अल्टीमेटम देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यदि दोषियों की गिरफ्तारी और कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो वे थाने का घेराव कर उग्र आंदोलन करेंगे

गांव के बुजुर्ग, महिलाएं और युवा सभी ने एकजुट होकर कहा की “मंदिर हमारी आस्था का प्रतीक है। बार-बार मूर्तियों को खंडित करना पूरे गांव की भावनाओं पर हमला है। यदि पुलिस प्रशासन अब भी निष्क्रिय रहा तो ग्रामवासी सड़क पर उतरकर थाने का घेराव करेंगे

लगातार हो रही इन घटनाओं से न केवल बरदा पंचायत, बल्कि आसपास के गांवों में भी गहरी चिंता और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस प्रकार असामाजिक तत्वों को खुली छूट मिलती रही तो धार्मिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है और माहौल बिगाड़ने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर प्रशासन की होगी

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