जमीन रजिस्ट्री रेट बढ़ोतरी से आम जनता पर बढ़ा आर्थिक बोझ, मोक्ष कुमार प्रधान ने जताया कड़ा विरोध

 जमीन रजिस्ट्री रेट बढ़ोतरी से आम जनता पर बढ़ा आर्थिक बोझ, मोक्ष कुमार प्रधान ने जताया कड़ा विरोध

राज्य सरकार द्वारा 2025-26 के लिए भूमि और मकान का नया गाइड लाइन जारी किए जाने पर बसना विधानसभा क्षेत्र के सक्रिय कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत सदस्य मोक्ष कुमार प्रधान इन फैसलों का तीखा विरोध जताते हुए कहा कि कई क्षेत्रों में जमीन की कीमतों और रजिस्ट्री दरों में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे आम जनता पर प्रत्यक्ष आर्थिक बोझ बढ़ गया है। पहले से महंगाई की मार झेल रहा आम आदमी अब जमीन की खरीद–फरोख्त में भी अतिरिक्त भार महसूस करेगा।इसी बीच कृषि भूमि को लेकर एक नया नियम भी लागू किया गया है, जिसके अनुसार अब कृषि भूमि का  (बंटवारा/विभाजन) 5 डिसमिल से कम क्षेत्रफल में नहीं हो सकेगा। यह प्रावधान विशेष रूप से ग्रामीण कृषि भूमि पर लागू है।इस कारण छोटे किसान और आर्थिक रूप से कमजोर लोग, जिन्हें किसी जरूरी परिस्थिति—जैसे इलाज, कर्ज चुकाने या पारिवारिक आवश्यकता के लिए थोड़ी जमीन बेचकर धन जुटाना पड़ता था, वे अब मजबूरन पूरी जमीन बेचने की स्थिति में आ जाएंगे।उन्होंने आगे कहा कि बढ़े हुए गाइड लाइन और नए नियमों से जमीन खरीदना, बेचना दोनों महँगा हो गया है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।जमीन रजिस्ट्री रेट बढ़ाने और कृषि भूमि के छोटे भागों में विभाजन पर रोक लगाने से आम जनता पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ेगा। भाजपा सरकार आम लोगों को राहत देने के बजाय लगातार नीतियाँ ऐसी बना रही है, जिससे ग्रामीण और किसान वर्ग परेशान हो रहा है

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