संस्कृतभारती के कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय संस्कृत अधिवेशन में बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान

 संस्कृतभारती के कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय संस्कृत अधिवेशन में बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान 


पिथौरा। तमिलनाडु के कोयम्बटूर में आयोजित दिनांक 07नवंबर से 09नवंबर 2025 तक तीन दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृत अधिवेशन का आयोजन संस्कृत भारती संगठन द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें भारत सहित विभिन्न देशों के संस्कृत विद्वान प्रतिनिधि, अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्राध्यापक, अनेक जनप्रतिनिधि सहित संस्कृत भारती के हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए थे। इस अधिवेशन में संस्कृत भाषा से सबंधित बहुत से कार्यक्रमों के साथ संस्कृत विज्ञान प्रदर्शनी लगाई गई थी। इसमें शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ से डॉ. सतेंद्र सिंह सेंगर, हेमंत साहू, गुणसागर प्रधान, डॉ. लूनेश कुमार वर्मा, डॉ. व्यास नारायण आर्य, डॉ. मनीराम कौशिक, डॉ. भगवानी निषाद सहित बहुत से कार्यकर्ता शामिल थे

संस्कृतभारती देश विदेश में संस्कृत के प्रचार-प्रसार हेतु अहर्निश कार्य करने वाली संस्था है। नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित संस्कृत भाषा के विकास हेतु संस्कृत भारती द्वारा तमिलनाडु के कोयंबटूर में अखिल भारतीय संस्कृत सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में विदेशी प्रतिनिधियों के साथ-साथ भारत देश के विभिन्न राज्यों से चार हजार से अधिक संस्कृत भारती के कार्यकर्ता एवं संस्कृत विद्वान शामिल हुए थे

सम्मेलन में संस्कृत भाषा की बारीकियाँ, संस्कृत के विविध ग्रंथों का विमोचन, संस्कृत भाषा पर किये जा रहे शोध, बोलचाल में संस्कृत के उपयोग के साथ विज्ञान में संस्कृत विषय पर विशेष चर्चा किया गया। संस्कृत में गीतों के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए। जिसमें विशेष कर छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता छत्तीसगढी राज्य गीत, सरगुजिया गीत एवं राउत नाचा प्रस्तुत किये। छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ के राजगीत अरपा पैरी के धार, सरगुजिया गीत एवं राउत नाचा संस्कृत भाषा में प्रस्तुत कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया। इस कार्यक्रम में एकत्रित सभी विद्वान जन संस्कृत में प्रस्तुतियां दे रहे थे

छत्तीसगढ़ के संस्कृत भारती के पुरुष और महिला कार्यकर्ता इस सम्मेलन में सहभागी रहे, उनमें गुणसागर प्रधान, डॉ. लूनेश कुमार वर्मा, डॉ. भगवानी निषाद, राजेश भगत, नरेंद्र साहू, डॉ. आकांक्षा विश्वकर्मा, नीलम श्रीवास्तव, मीरा वर्मा, अनुपा टंडन, आरती राजपूत, असरिता पैकरा, राजकुमारी कैवर्त्य, सहित बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता शामिल थे

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