चौथे दिन जागा 'सोया सिस्टम' जागा: अपर कलेक्टर रवि साहू के हस्तक्षेप के बाद पहुंची पटवारी
पिथौरा। अनुविभागीय कार्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम जंघोंरा के पीड़ित बालाराम चौहान को आखिरकार चौथे दिन प्रशासनिक राहत नसीब हुई है। स्थानीय प्रशासन की घोर संवेदनहीनता पर लगातार उठ रहे थे खबरों के बाद, अपर कलेक्टर रवि साहू के संज्ञान लेते ही स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मचा
सोमवार को, यानी घटना के पूरे चौथे दिन, प्रशासन का सोया हुआ सिस्टम नींद से जागा और आनन-फानन में पटवारी मनीषा ठाकुर और कोटवार बालाराम चौहान के ढहे हुए मकान तक पहुंचे
अपर कलेक्टर साहू ने किया हस्तक्षेप
इससे पहले, एसडीएम बजरंग वर्मा के आश्वासन के बावजूद पटवारी एवं तहसीलदार ने 72 घंटे से अधिक समय तक पीड़ित परिवार की सुध नहीं ली थी। प्रशासनिक अमले की इसी निरंकुश कार्यशैली को जब अपरकलेक्टर रवि साहू के संज्ञान में लाया गया, तो तुरंत कार्रवाई का निर्देश जारी हुआ।
श्री साहू के हस्तक्षेप के बाद ही तहसीलदार ने पटवारी को तत्काल स्थल निरीक्षण कर पंचनामा रिपोर्ट बनाने का आदेश दिया। जिसके बाद ही आज बालाराम चौहान के घर पहुंचकर मौका मुआयना किया और पंचनामा रिपोर्ट तैयार की
इस पूरे मामले में नवपदस्थ तहसीलदार ममता देवांगन ने बताया कि पटवारी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है और प्रकरण तैयार किया जा रहा है
हालांकि, तत्काल राहत के तौर पर स्वीकृत की गई राशि ऊंट के मुंह में जीरा है । तहसीलदार के अनुसार, आंशिक मुआवज़े के तौर पर केवल ₹4000 की राशि स्वीकृत हुई है। यह राशि एक मजदूर परिवार के ढहे हुए मकान को खड़ा करने के लिए नाकाफी है
बड़ी योजनाओं के लिए कागजी प्रक्रिया अब भी अधूरी
सवाल अब भी कायम है कि क्या पीड़ित के शासकीय दस्तावेज अब सुधारे जायेंगे? अपर कलेक्टर रवि साहू के हस्तक्षेप पर अब प्रधानमंत्री आवास योजना या आपदा राहत कोष से जल्द से जल्द बड़ी मदद दी जाएगी?
गरीब बालाराम चौहान के राशन कार्ड और आधार कार्ड संबंधी दस्तावेजी उलझनों को शीघ्र दूर कर उसे पक्का मकान देने की दिशा में तेज गति से कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि प्रशासनिक उदासीनता की वजह से यह गरीब परिवार बरसात में दोबारा खुले आसमान के नीचे न आ जाए। जनता की नज़रें अब कलेक्टर रवि साहू पर टिकी हैं कि वे इस मामले को अंतिम रूप से निपटाने के लिए किस प्रकार से अनुशासनात्मक कार्रवाई और त्वरित राहत सुनिश्चित करते हैं
