शासकीय प्राथमिक शाला बरगांव में एफ एल एन मेला का आयोजन हुआ
मेला का मुख्य आकर्षण माता पिता एवं अभिभावक के मध्य बच्चों के द्वारा संचालित स्टॉल और उस स्टॉल पर अवधारणा को प्रस्तुत करना
महासमुंद/बसना :- जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार लहरे, डीएमसी रेखराज शर्मा के निर्देशानुसार विकास खंड शिक्षा अधिकारी लोकेश्वर सिंह कॅंवर, विकास खंड स्रोत समन्वयक समग्र शिक्षा अनिल सिंह साव के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुरूप कक्षा पहली से तीसरी तक के प्रत्येक बच्चों को बुनियादी साक्षरता,पढ़ने, लिखने, बुनियादी गणितीय संक्रियाओं एवं संख्या ज्ञान में दक्षता हासिल करने के लिए शासकीय प्राथमिक शाला बरगांव में एफ एल एन मेला का आयोजन किया गया।इस अवसर पर कक्षा पहली से तीसरी तक के सभी छात्र-छात्राएं "करके देखबो,सीखके रहीबो"की भावना से प्रेरित होकर मेले में खेल, पहेलियां, गीत, कविता,गणितीय प्रयोग व संक्रियाएं, संतुलन आधारित गतिविधि,भाषा आधारित गतिविधियां आदि के माध्यम से बच्चों में शारीरिक विकास, बौद्धिक विकास,भाषाई एवं गणितीय विकास का अवलोकन विभिन्न अवधारणाओं के माध्यम से किया गया।इस एफ एल एन मेला में बच्चों को बच्चों के लिए संचालित स्टॉल,स्वयं के सीखने वाली गतिविधियों और ऑटो मोड में संचालित एक स्टॉल,एक अवधारणा के तहत FLN मेला का आयोजन किया गया। प्रधान पाठक महेश देवांगन ने इस अवसर पर कहा कि बुनियादी साक्षरता,संख्या ज्ञान, मजबूत बुनियाद कौशल सभी तरह के सीखने व एक बेहतर जीवन की नींव प्रदान करने के लिए एफ एल एन की आवश्यकता है। गायत्री सामल ने मेला के बारे में बताते हुए कहा कि इस तरह के मेला के आयोजन से बच्चों में पढ़ने,लिखने और बुनियादी गणितीय अवधारणाओं को समझने में मदद करता है। इस तरह के आयोजन से शिक्षकों को नए और प्रभावी शिक्षण विधियों को आजमाने और साझा करने का अवसर प्रदान करता है। इसके द्वारा बच्चों का शारीरिक,बौद्धिक,भाषा और गणितीय विकास का आकलन किया गया। बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने,सामाजिक कौशलों को विकसित करने,आपस में पीयर लर्निंग के अवसर देने ,करके सीखने से अवधारणा की गहरी समझ होने,भाषा की बारीकियों को सीखने, गतिविधियों के माध्यम से सीखने के एफ एल एन जैसे गतिविधियों का आयोजन अतिआवश्यक है। शासकीय प्राथमिक शाला बरगांव के कक्षा तीसरी तक के छात्र -छात्राएं स्वचालित गतिविधियों के माध्यम से,स्वयं स्टॉल लगाकर,एक स्टॉल एक अवधारणा के तहत्,भाषा साक्षरता,अक्षर ज्ञान के तहत् वर्ण पहेली,शब्द निर्माण, चित्रों से शब्द निर्माण,स्वर व्यंजन खेल, पर्ची उठाकर कहानी,कविता,गीत सुनाना,पठन कौशल हेतु छोटे छोटे वाक्य बनाने के लिए पॉकेट कार्ड का उपयोग,FLN किट का प्रयोग, संख्या ज्ञान के लिए संख्या पहचान गतिविधियों के माध्यम से वस्तु,गेंद,कंचा,ठोस वस्तु से गणना,जोड़ मशीन का उपयोग,मापन तुलना आदि द्वारा विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सीख पाए।इस मेले में छात्र -छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं के सहयोग से मौखिक विकास हेतु जादू की पोटली,वर्ण पहचान के लिए मेरा रींग मेरा वर्ण,शब्द निर्माण अवधारणा के लिए ऊंगली फिराओ,शब्द बनाओ स्टॉल,मौखिक भाषा विकास अवधारणा के लिए पर्ची उठाओ करके बताओ स्टॉल,जोड़ अवधारणा के लिए जोड़ मशीन स्टॉल,आकृतियों की समझ अवधारणा के लिए आकृतियों की पहचान स्टॉल सहित कई अवधारणाओं के लिए अनेक स्टॉल का निर्माण किया गया था। छात्र -छात्राएं काफी मनोरंजक के साथ मेला में भाग लिए। बच्चों को इस अवसर पर ,चावल दाल सब्जी,मिष्ठान वितरण कर बाल दिवस एवं एफ एल एन मेला का आयोजन किया गया।छात्र -छात्राएं,पालकगण एवं शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा सेल्फी फोटोग्राफ लिए गए।इस अवसर पर कक्षा तीसरी तक के बच्चों के पालकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजन में प्रधान पाठक महेश देवांगन, गायत्री सामल , जीत यादव, भुपेंद्र भोई,डिग्रीलाल साहू,सबया भोई, मीना भोई, सुभनी भोई, आशा प्रधान, ऊषा रावल, द्रोपदी भोई ,मंगल मोती यादव रसोइया का महत्वपूर्ण योगदान रहा

