महासमुंद वनमण्डल में अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई
महासमुंद 20 दिसंबर 2025/ महासमुंद वनमण्डल अंतर्गत वनों एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए वनमण्डलाधिकारी महासमुंद श्री मयंक पाण्डेय के नेतृत्व में अधिकारी, क्षेत्रीय अमला एवं सुरक्षा श्रमिकों द्वारा पूरे वनमण्डल में बीट स्तर पर प्रातःकाल सघन पैदल गश्त अभियान चलाया जा रहा है
इसी क्रम में आज सुबह 6.00 बजे गश्त के दौरान वन परिक्षेत्र पिथौरा अंतर्गत कक्ष क्रमांक 206, सोहागपुर बीट में वृक्षों की अवैध कटाई, वन अधिकार मान्यता अधिनियम अंतर्गत प्राप्त पट्टाशुदा भूमि में नया अतिक्रमण, जंगल के भीतर डबरी में मछली जाल डालने तथा विद्युत तार प्रवाहित करने जैसी गंभीर अवैध गतिविधियाँ पाई गईं। मौके पर तीन आरोपियों—रामाधीन पिता ठेल सिंह (जाति गोड़), ढोमसिंह पिता बलीराम एवं संतोष पिता बलीराम को गिरफ्तार किया गया। इनके विरुद्ध वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 51 सहपठित धारा 9 एवं 2(16)(a)(b), भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 तथा लोकसंपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। उक्त कार्रवाई उप वनमण्डलाधिकारी पिथौरा सुश्री डिम्पी बैस, वन परिक्षेत्र अधिकारी पिथौरा श्री सालिकराम डड़सेना, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी बुन्देली श्री छबिराम साहू, परिसर रक्षी सोहागपुर एवं सुरक्षा श्रमिकों द्वारा की गई
इसी प्रकार, सांकरा सर्किल के बड़े टेमरी क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 258 में सियार का फंदा लगाकर शिकार कर ले जाते हुए आरोपी फागूलाल पिता बृजलाल शिकारी एवं कुमार पिता मंगलू पारधी को पकड़ा गया। दोनों के विरुद्ध वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 51 सहपठित धारा 9 एवं 2(16)(a)(b) के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई सहायक परिक्षेत्र अधिकारी सांकरा श्री राजकुमार साहू, परिसर रक्षी सांकरा श्री दीपक जेन्ड्रे एवं सुरक्षा श्रमिकों द्वारा की गई
गश्त के दौरान ही बागबाहरा परिक्षेत्र अंतर्गत जुनवानी बीट के कक्ष क्रमांक 128, संरक्षित वन से संलग्न राजस्व क्षेत्र में चेतन पिता रामेश्वर बरिहा के खेत में वन्यप्राणी नीलगाय का एक शावक पाया गया। चिकित्सकीय परीक्षण के उपरांत शावक को स्वस्थ पाए जाने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी बागबाहरा द्वारा उसे उसके प्राकृतिक रहवास में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया
वनमण्डलाधिकारी श्री मयंक पाण्डेय ने बताया कि वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण के लिए इस प्रकार की सघन गश्त आगे भी निरंतर जारी रहेगी तथा अवैध गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी
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