हिन्दू सम्मेलन पिथौरा विकासखंड के ग्राम परसवानी में संपन्न
पिथौरा विकासखंड अंतर्गत सांकरा के समीप स्थित ग्राम परसवानी में सर्व हिन्दू समाज के तत्वावधान में हिन्दू सम्मेलन का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन में परसवानी सहित आसपास के अनेक ग्रामों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु, समाजजन एवं कार्यकर्ता उपस्थित हुए
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज को संगठित करना, सामाजिक एकता को सुदृढ़ करना तथा सांस्कृतिक एवं धार्मिक मूल्यों के संरक्षण हेतु विचार-विमर्श करना रहा। सम्मेलन के दौरान वक्ताओं ने सामाजिक समरसता, संस्कृति संरक्षण तथा राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। आयोजन शांतिपूर्ण, अनुशासित एवं गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्यारेलाल कोसरिया जी (राजमहंत, अखिल भारतीय सतनामी समाज), विशिष्ट अतिथि सुश्री जयंती नायक जी (महिला प्रकोष्ठ प्रमुख, गायत्री परिवार सांकरा), मुख्य वक्ता गोपाल यादव जी (प्रांत सह कार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ), कार्यक्रम अध्यक्ष पंचानन त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त शिक्षक) तथा कार्यक्रम संयोजक कविताराम चौधरी जी मंचासीन रहे
कार्यक्रम की शुरुआत अध्यक्षीय उद्बोधन से हुई। इस अवसर पर श्री पंचानन त्रिपाठी जी ने कहा कि आज हिन्दू समाज को संगठित होकर एकता के साथ रहने की विशेष आवश्यकता है, क्योंकि हिन्दू धर्म एवं समाज को कमजोर करने के लिए विभिन्न प्रकार के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन षड्यंत्रों को विफल करने के लिए समाज के भीतर मौजूद आपसी मतभेदों को समाप्त कर सौहार्द एवं भाईचारे के साथ रहना होगा
विशिष्ट अतिथि सुश्री जयंती नायक जी ने अपने वक्तव्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्रतिपादित पंच परिवर्तन विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान समय में समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए इन पाँच बिंदुओं को जीवन में उतारना अत्यंत आवश्यक है
उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के अंतर्गत जाति, वर्ग, भाषा एवं क्षेत्र के आधार पर होने वाले सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त कर समाज में समता, सद्भाव और एकता का भाव विकसित करना चाहिए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को समान सम्मान प्राप्त हो सके
कुटुंब प्रबोधन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि परिवार समाज की मूल इकाई है। संस्कार, संवाद, अनुशासन एवं पारिवारिक मूल्यों को सुदृढ़ कर जिम्मेदार नागरिकों का निर्माण करना तथा संयुक्त परिवार की भावना को मजबूत करना इसका प्रमुख उद्देश्य है
पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है। जल, जंगल, जमीन और जीव-जंतुओं की रक्षा करते हुए स्वदेशी, सादा जीवन और पर्यावरण-अनुकूल आचरण को अपनाना आज की आवश्यकता है
स्वदेशी के विषय में उन्होंने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं, उद्योगों एवं तकनीक को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सकता है, जिससे आर्थिक स्वावलंबन के साथ-साथ सांस्कृतिक आत्मगौरव भी सुदृढ़ होगा
नागरिक कर्तव्य (नागरिक अनुशासन) पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह संविधान, कानून, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करे तथा कर्तव्यबोध, अनुशासन और राष्ट्रहित को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाए
मुख्य अतिथि श्री प्यारेलाल कोसरिया जी ने अपने संबोधन में हिंदुत्व पर विचार रखते हुए कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने शासन करने के उद्देश्य से समाज में फूट डालकर ऊँच-नीच और जातिगत विभाजन को बढ़ावा दिया। दुर्भाग्यवश आज भी हम उसी मानसिकता के प्रभाव में आकर अपने ही हिन्दू भाइयों के साथ जाति और भाषा के नाम पर भेदभाव करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस भेदभाव को समाप्त करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि समस्त हिन्दू समाज संगठित होकर आगे बढ़ सके और समाज के वे वर्ग, जो स्वयं को उपेक्षित महसूस करते रहे हैं, उनमें समान सम्मान एवं आत्मविश्वास का भाव जागृत हो सके
मुख्य वक्ता श्री गोपाल यादव जी ने अपने वक्तव्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संघ ने राष्ट्र और समाज के लिए निरंतर सेवा कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि संघ द्वारा आपदा राहत, सामाजिक समरसता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सेवा बस्तियों के विकास जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं
उन्होंने यह भी बताया कि संघ के मार्गदर्शन में हिन्दू समाज के हित में अनेक महत्वपूर्ण जनआंदोलन एवं अभियान संचालित किए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से गोरक्षा आंदोलन, श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन, अमरनाथ यात्रा संरक्षण आंदोलन, कश्मीर एकात्मकता अभियान तथा धर्मांतरण विरोधी अभियान शामिल हैं। उन्होंने युवाओं से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए समाज सेवा, संस्कार एवं चरित्र निर्माण के मार्ग पर आगे बढ़ने का आह्वान किया
इस अवसर पर रामबिलास चौधरी जी (सेवानिवृत्त प्राचार्य, परसवानी) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दू समाज को एकजुट रहकर अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों का संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हम अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं, जिसका लाभ षड्यंत्रकारी तत्व उठा रहे हैं। अतः हम सभी को एकजुट होकर अपने धर्म, संस्कृति एवं सनातन परंपराओं की रक्षा करते हुए आगे बढ़ना होगा
कार्यक्रम के अंत में संयोजक कविताराम चौधरी जी ने आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, आगंतुकों एवं आयोजन में सहयोग करने वाले सभी व्यक्तियों का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए, जिससे हिन्दू समाज को सही दिशा एवं प्रेरणा मिलती रहे
कार्यक्रम में अकलश्याम चौधरी (सोसाइटी अध्यक्ष, परसवानी), भरत प्रधान (ग्राम प्रमुख), दिनेश प्रधान, परमेश्वर साहू, प्रवीण त्रिपाठी, रविप्रकाश प्रधान, दुखनाशन साहू, बालमुकुंद महापात्र, डोलमणी साहू, लक्ष्मण सराफ तथा संघ क्षेत्र से रूपेंद्र साहू, नंद कुमार साहू, प्रेमसागर साहू, हितेश प्रधान एवं कमलेश डडसेना सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे
